शिक्षा ऋण क्या है, शिक्षा ऋण कैंसे लें | What is education loan in hindi

 आज का जमाना उच्च शिक्षा का है, इस समय कई प्रकार के बड़े-बड़े कोर्स और कई प्रकार के कॉलेज खुल गए हैं। क्यूंकि इस समय दुनिया विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और हर दिन इन क्षेत्रों में एक्सपर्ट लोगों के लिए नौकरियां निकल रहीं हैं। आज के समय में वही व्यक्ति इन क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले सकता है जो विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र सी जुड़ी उच्चतम शिक्षा और डिग्रियाँ हासिल किये हुए है  हालाँकि ऐसा भी है जिसके पास हुनर है उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन कई बार मध्यम वर्गीय परिवार से निकल कर आये बच्चों  लिए उच्च शिक्षा या विदेशी शिक्षा सिर्फ एक सपना बनकर रह जाता है ऐसे में सरकारें, बैंक्स और प्राइवेट कंपनियां इनकी मदद के लिए आगे आतीं हैं और एजुकेशन लोन ऑफर करती हैं। आज इस लेख में हम शिक्षा ऋण के कुछ ऐसे ही मुख्य विषयों पर चर्चा करने वाले है जिससे शिक्षा ऋण के विषय में ज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके। 


What is education loan in hindi

सबसे पहले हम जानेंगे - 

एजुकेशन लोन क्या है ? हिंदी में या स्टूडेंट लोन क्या है ?


बहुत से लोगों ये भी नहीं पता होता है कि एजुकेशन लोन भी होता और एजुकेशन लोन क्या होता है। कई बैंक्स और प्राइवेट कंपनियां स्टूडेंट्स को आगे पढाई करने के लिए एजुकेशन लोन ऑफर करतीं हैं जिसकी ब्याज दर अन्य सामान्य लोन की अपेक्षा कम रखी जाती है। ये शिक्षा ऋण आपको आपकी पढाई पूरी होने के एक साल बाद देना होता है या आपकी जॉब लगने के छः महीने बाद आपके लोन की EMI शुरू हो जाती है। इस प्रकार एजुकेशन के लिए लिया गया लोन 'एजुकेशन लोन' कहलाता है। 

एजुकेशन लोन किस-किस काम के लिए के लिया जा सकता है ?


12 वीं कक्षा के बाद भारत या विदेश में उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण लिया जाता है जिसमें कॉलेज की फीस, ट्यूशन फीस, किताबों और हॉस्टल के खर्चे शामिल होते हैं। 

भारत सरकार के द्वारा भी छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए सब्सिडी योजनाएं चलाईं जाती है जैसे -


शिक्षा ऋण के लिए ब्याज सब्सिडी की केंद्रीय योजना

एजुकेशन लोन कितने प्रकार होते हैं ?



एजुकेशन लोन या शिक्षा ऋण को स्थान के हिसाब से मुख्यतः दो प्रकार में बाँटा जाता है। 

1- डोमेस्टिक एजुकेशन लोन- ये लोन भारत में छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए दिया जाता है। 

2- स्टडी अब्रॉड एजुकेशन लोन- ये लोन भारत के छात्रों को भारत के बाहर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए दिया जाता है। 



शिक्षा के प्रकार के हिसाब से एजुकेशन लोन को तीन हिस्सों में बाँटा जाता है। 

1- ग्रेजुएट स्टूडेंट लोन- जो छात्र अपनी पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री पूरी करना चाहते हैं उन्हें यह लोन दिया जाता है। 

2- अंडरग्रेजुएट एजुकेशन लोन- जो छात्र अपनी अंडरग्रेजुएट की पढाई करना चाहते हैं उन्हें यह ऋण दिया जाता है। 

3- प्रोफेशनल एजुकेशन लोन- जो छात्र किसी प्रोफेशनल पढाई के करना चाहते हैं वे ये लोन ले सकते हैं। 

गारंटी और सुरक्षा के आधार पर लोन को तीन भागों में बाँट सकते हैं। 

1- जमा पर लोन- ये एजुकेशन लोन फिक्स्ड डिपाजिट या गोल्ड के आधार पर दिया जाता है। 

2- लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी- ये एजुकेशन लोन स्थाई सम्पत्तियों के आधार पर दिया जाता है जैसे भूमि, भवन, दुकान आदि। 

3- लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज- ये एजुकेशन लोन सिक्योरिटीज के आधार पर जैसे- शेयर्स, बांड्स आदि पर दिया जाता है। 


एजुकेशन लोन लेने के लिए क्या करना पड़ता है ? एजुकेशन लोन लेने की क्या प्रक्रिया है ?


एजुकेशन लोन लेने के लिए सबसे पहले आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन एजुकेशन लोन देने वाले बैंकों की जानकारी लेना चाहिए और इसके बाद बैंकों द्वारा लगाई जा रही ब्याज दर की जानकारी लेनी चाहिए। इसके बाद बैंकों के नियम और शर्तों को अच्छी तरह पढ़ें जिसका आपको भविष्य में पालन करना होगा। और जब आप ये निश्चित कर लें कि एजुकेशन लोन लेना आपके लिए सही है या नहीं और किस बैंक के माध्यम से एजुकेशन लोन लेने में आपको फायदा है तब आप शिक्षा ऋण के लिए आवेदन करें। 


Document for Education Loan Hindi | शिक्षा ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेज


Education loan लेने के लिए आपको निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती है। 

  1. आईडी प्रूफ
  2. ऐड्रेस प्रूफ
  3. कोर्स डीटेल्स
  4. एज प्रूफ
  5. पासपोर्ट साइज फोटो
  6. मार्कशीट
  7. बैंक पासबुक
  8. अभिभावक का इनकम प्रूफ
  9. अभिभावक और छात्र के पैन कार्ड और आधार कार्ड

एजुकेशन लोन कौन ले सकता है?


कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक और अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण चाहता है और आवश्यकता पड़ने पर ऊपर बताये गए दस्तावेज प्रस्तुत करने में सक्षम हो। बैंकों और सरकारी नियमों के दायरे में आता हो। 

एजुकेशन लोन माफ कैसे होता है?


यदि किसी कारण से आप एजुकेशन लोन चुकाने में असमर्थ है जैसे- आर्थिक तंगी, बीमारी और शारीरिक कारण, नौकरी छूट जाना नई नौकरी मिलने में परेशानी होना। इन सब कारणों के कारण आप एजुकेशन लोन की EMI भरने में असमर्थ होते हैं तब आपको आपके बैंक से इस बारे में बात करनी चाहिए, हो सकता है आपका लोन चुकाने का समय बढ़ा दिया जाए या आपका ब्याज कम कर दिया जाए। इस प्रकार की स्थिति में आपके बैंक या किसी अच्छे वकील के द्वारा आपको सलाह मिल सकती है। 

यहाँ हम एजुकेशन लोन के कुछ फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे। 

एजुकेशन लोन के फायदे 


  • एजुकेशन लोन के ब्याज पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। 
  • आप भारत या दुनिया में कहीं भी पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। 
  • कई बार पढाई में अच्छी रैंक होने से कम ब्याज पर लोन मिल जाता है। 
  • एजुकेशन लोन की प्रिक्रिया बहुत ही आसान होती है जिससे छात्रों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। 
  • एजुकेशन लोन से छात्र अपनी पसंद की उच्च शिक्षा पूरी कर सकते हैं। 
  • एजुकेशन लोन की EMI आपकी पढाई होने के एक साल बाद या नौकरी लगने के छः बाद देनी होती है। 
  • एजुकेशन लोन के कारण छात्रों का विदेश में पढाई का सपना पूरा होता है। 

एजुकेशन लोन के नुकसान 


जैसे हर बात के फायदे और नुकसान होते है वैसे ही एजुकेशन लोन के भी कुछ नुकसान हो सकते हैं। 

  • कई बार एजुकेशन लोन के लिए ज्यादा ब्याज दर हो सकती है। 
  • बैंक और NBFC छात्र का रिकॉर्ड चेक करतीं हैं। 
  • ज्यादा एजुकेशन लोन गारंटर की जरुरत पड़ सकती है। 
  • जो उच्च शिक्षा आपने ली है उसमें नौकरी न मिलने या उस क्षेत्र में नौकरियाँ कम या वेतन कम मिलने से शिक्षा ऋण की EMI भरना मुश्किल हो जाता है। 
इस प्रकार शिक्षा ऋण के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। 

दोस्तों आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा ये आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। इस लेख द्वारा हमारा उद्देश्य केवल वित्तीय शिक्षा  प्रसार-प्रचार करना है कि आपको किसी प्रकार के लोन लेने प्रेरित करना। आप हमारे साथ यूँ  बने रहें इससे हमें आपके लिए रोज नए लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है।
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