दोस्तों टूटती तो हर एक चीज है दुनिया में लेकिन जब किसी का दिल टूटता है तो आवाज बिल्कुल नहीं आती और दर्द मरने से भी ज्यादा होता है। दोस्तों ऐसे अंदर से और टूटने वाले किस्से दुनिया में किसी के भी साथ हो सकते हैं।
जिन लोगों के दिल टूटे हैं उन्होंने अपनी भावनाओं को शायरी के माध्यम से व्यक्त किया है आज हमने ऐसी ही ब्रोकन शायरी का कलेक्शन इस आर्टिकल में किया है उम्मीद है आप लोगों पसंद आएँगी बस आपको ये आर्टिकल पूरा पढ़ना है और ब्रोकन शायरी को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करना है। Gam bhari shayari
Broken shayari
लोग अपना बनाके छोड़ देते हैं,
रिश्ता गैरो से जोड़ लेते हैं,
हम तो एक फूल भी न तोड़ सके
लोग तो दिल भी तोड़ देते हैं।
हम तो एक फूल भी न तोड़ सके
लोग तो दिल भी तोड़ देते हैं।
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एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।
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काश तुम ऐसे शख्स होते ,
जो डरते मुझे खोने से
जो डरते मुझे खोने से
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इलाजे-दर्दे-दिल तुमसे मेरे मसीहा हो नहीं सकता,
तुम अच्छा कर नहीं सकते मैं अच्छा हो नहीं सकता।
तुम अच्छा कर नहीं सकते मैं अच्छा हो नहीं सकता।
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अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है,
सवाल भी खुद के , और जवाब भी खुद के ही होते है
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तेरी मोहब्बत में हम बैठें हैं चोट खाए,
जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द हमने पाये,
फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ,
फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ,
हमारे लब पर तेरे लिये सिर्फ और सिर्फ दुआ आये।
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ऐ-मौत ठहर जा तू ज़रा ,
यार का इंतज़ार है मुझको
आएगा वो ज़रूर आज अगर
उससे सच्चा प्यार है मुझको
यार का इंतज़ार है मुझको
आएगा वो ज़रूर आज अगर
उससे सच्चा प्यार है मुझको
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आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
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वक्त कुछ इस तरह
हाथों से फिसल गया
जिसके लिए खुद को बदला
वो ही बदल गया।
हाथों से फिसल गया
जिसके लिए खुद को बदला
वो ही बदल गया।
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जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी,
सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,
सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,
मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।
ब्रोकन शायरी
मुझे समझने वाले नहीं ,
कुचलने वाले लोग मिले
कुचलने वाले लोग मिले
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अक्सर उसी इन्सान के साथ बुरा क्यों होता है ,
जो हमेशा सबको खुश रखना चाहता हो
जो हमेशा सबको खुश रखना चाहता हो
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जख्म ही देना तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था
बे रहम तूने वार क्या वो भी दिल ही वार क्या।
बे रहम तूने वार क्या वो भी दिल ही वार क्या।
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नदिया रुक नहीं सकती ,
पहाड़ चल नहीं सकते।
आप भूल सकते है मगर
हम भुला नहीं सकते
पहाड़ चल नहीं सकते।
आप भूल सकते है मगर
हम भुला नहीं सकते
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जरा ख्याल की जिए मर न जाऊँ कहीँ,
बहुत जहरीली है तेरी ख़ामोशी मैं पी न जाऊँ कहीँ.
बहुत जहरीली है तेरी ख़ामोशी मैं पी न जाऊँ कहीँ.
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ज़माने में किसी पर ऐतबार मत करना,
किसी की चाहत में दिल बेकरार मत करो,
या तो हौंसला रखो दर्द-ए-दिल सहने का,
या तो हौंसला रखो दर्द-ए-दिल सहने का,
या फिर किसी से इश्क मत करो।
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बस यही सोचकर खुश होते है हम ,
तू नहीं तो तेरी याद आती है सनम
तू नहीं तो तेरी याद आती है सनम
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बुरा तो तब लगता है,
जब हम एक ही इन्सान से
बात करना चाहते है,
और वो हमें ही Ignor करता है
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जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें,
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें,
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी,
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी,
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
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पल-पल उसका साथ निभाते हम ,
इक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम।
समुन्दर के बीच में फरेब दिया उसने ,
कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम।
इक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम।
समुन्दर के बीच में फरेब दिया उसने ,
कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम।
Broken shayari
मेरे पास तो बस यादें है तुम्हारी
ज़िन्दगी तो उसे मुबारक हो
जिसके पास तुम हो
ज़िन्दगी तो उसे मुबारक हो
जिसके पास तुम हो
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अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उमीदों,
बहुत दर्द सह लिए मैंने बहुत दिन जी लिया मैंने।
बहुत दर्द सह लिए मैंने बहुत दिन जी लिया मैंने।
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अब तो आदत बन चुकी है ,
तुम दर्द दो और हम मुस्कुराएंगे
तुम दर्द दो और हम मुस्कुराएंगे
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आज भी आँख तरसती है, तेरी एक झलक को,
और आपने मुड़ के भी ना देखा जाने से पहले
और आपने मुड़ के भी ना देखा जाने से पहले
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दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा,
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा।
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा।
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खुदा ने किस्मत में साँसे लिखी थी ,
इंसानो ने रोक दी
इंसानो ने रोक दी
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एक कब्र पर लिखा था
किस को क्या इलज़ाम दूँ दोस्तो,
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे,
और दफनाने वाले भी अपने थे।
किस को क्या इलज़ाम दूँ दोस्तो,
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे,
और दफनाने वाले भी अपने थे।
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अदाएं कातिल होती हैं आँखें नशीली होती हैं,
मोहब्बत में अक्सर होंठ सूखे होते हैं और आँखे गीली होती हैं
मोहब्बत में अक्सर होंठ सूखे होते हैं और आँखे गीली होती हैं
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किसी को कितना भी प्यार दे दो ,
आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है।
किसी को कितना भी प्यार दे दो ,
आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है।
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बहुत तकलीफ होती है,
उस वक्त जब तुम सब से
बात करते हो सिर्फ मुझे छोड़ कर
बात करते हो सिर्फ मुझे छोड़ कर
ब्रोकन शायरी
तेरे ऐसे सच्चे आशिक़ है हम,
दिलमे जिसके प्यार न हो कभी कम
सच्चे प्यार में तो ज़िन्दगी महक जाती है
सच्चे प्यार में तो ज़िन्दगी महक जाती है
ना जाने हमारी आँखे क्यों है नम।
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कोई नहीं था कोई नहीं होगा,
तुमसे ज़्यादा मेरे दिल के करीब।
तुमसे ज़्यादा मेरे दिल के करीब।
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जिस शहर में दिन रात बरसती रहें आँखें
उस शहर को बारिश की ज़रुरत नहीं होती.
उस शहर को बारिश की ज़रुरत नहीं होती.
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मेरे इस दर्द की वजह भी वो हैं,
और मेरे दर्द की दवा भी तो वो हैं,
वो नमक ज़ख्मों पे लगाते हैं तो क्या,
वो नमक ज़ख्मों पे लगाते हैं तो क्या,
मोहब्बत करने की वजह भी तो वो हैं।
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कमाल की चीज़ है ये मोहब्बत ,
अधूरी हो सकती है
मगर कभी खत्म नहीं हो सकती।
अधूरी हो सकती है
मगर कभी खत्म नहीं हो सकती।
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धोखा देने के लिए शुक्रिया,
तुम ना मिलते तो
दुनिया ना समझ में आती
दुनिया ना समझ में आती
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यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है,
बस बयान करने का अंदाज़ जुदा होता है,
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं
और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है।
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दिल में एक बात है ,
चलो तुम्हे बताते है।
हम तुम्हे -
तुमसे भी ज़्यादा चाहते है।
चलो तुम्हे बताते है।
हम तुम्हे -
तुमसे भी ज़्यादा चाहते है।
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तुझे दर्द देने का शौक था बहुत,
हमे भी दर्द सहने का शौक था बहुत.
हमे भी दर्द सहने का शौक था बहुत.
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लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की
जब जहाँ जो मिला अपना लिया,
जब जहाँ जो मिला अपना लिया,
जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की।
Broken shayari
उन्हें चाहना हमारी कमज़ोरी है,
उनसे कह नहीं पाना हमारी मजबूरी है।
वो क्यू नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को ,
क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है।
उनसे कह नहीं पाना हमारी मजबूरी है।
वो क्यू नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को ,
क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है।
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वो अक्सर मुझसे पूछते थे की तुम कभी मुझे छोड़
कर तो नहीं जाओंगे , अब अफसोस इस बात का
होता है की काश हमने भी ये सवाल उनसे पूछ लिया होता
कर तो नहीं जाओंगे , अब अफसोस इस बात का
होता है की काश हमने भी ये सवाल उनसे पूछ लिया होता
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मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,
तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया
कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर,
कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर,
कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।
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बहुत रोई होगी वो
कोरा-कागज़ देखकर,
खत में उसने पुछा था..
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है ?
कोरा-कागज़ देखकर,
खत में उसने पुछा था..
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है ?
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बेशक जो जितना खामोश रहता है
वो अपनी इज़्ज़त उतनी ही महफूज़ रखता है.
वो अपनी इज़्ज़त उतनी ही महफूज़ रखता है.
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तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर,
अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं।
अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं।
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एक जैसी है किस्मत हमारी ,
ना मैं तेरे नसीब में
और ना तु मेरे।
ना मैं तेरे नसीब में
और ना तु मेरे।
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मत किया कर ऐ दिल किसी से इतनी मोहब्बत ,
जो लोग बात नही कर सकते वो प्यार क्या करेंगे
जो लोग बात नही कर सकते वो प्यार क्या करेंगे
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खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता।
ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता।
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उसकी बाहों में सोने का
अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी,
मेरी आदत नहीं बदली।
अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी,
मेरी आदत नहीं बदली।
ब्रोकन शायरी
बहुत चाहा उनको जिसे हम पा न सके,
ख्यालों में किसी और को ला न सके,
उसको देख के आँसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके।
ख्यालों में किसी और को ला न सके,
उसको देख के आँसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके।
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अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे, हुई थी
मोहब्बत, मगर जिससे हुई हम उसके काबिल न थे।
मोहब्बत, मगर जिससे हुई हम उसके काबिल न थे।
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क्या खूब ही होता
अगर दुःख रेत के होते ,
मुट्ठी-से गिरा देते
पैरों से उड़ा देते।
अगर दुःख रेत के होते ,
मुट्ठी-से गिरा देते
पैरों से उड़ा देते।
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इस ज़माने में वफ़ा की तलाश ना कर मेरे दोस्त ,
वो वक्त और था जब घर कच्चे और लोग सच्चे
हुआ करते थे
वो वक्त और था जब घर कच्चे और लोग सच्चे
हुआ करते थे
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एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया,
जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में,
जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।
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नफरत है मुझे उस मोहब्बत से ,
जो मैंने कभी तुमसे की थी।
जो मैंने कभी तुमसे की थी।
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यक़ीन कीजिये साहब
यक़ीन ने ही मारा है.
यक़ीन ने ही मारा है.
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इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें
अपनी वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद।
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बताओ है कि नहीं मेरे ख्वाब झूठे ,
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा।
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा।
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आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की
यारो , ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो
ज्यादा तकलीफ ना हो
यारो , ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो
ज्यादा तकलीफ ना हो
broken shayari
दुआ करना दम भी उसी दिन निकले,
Jaiseतेरे दिल से हम निकले।
Jaiseतेरे दिल से हम निकले।
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बस यूही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले,
कब लौट के आते है छोड़ के जाने वाले।
कब लौट के आते है छोड़ के जाने वाले।
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दुआ करना दम भी उसी तरह निकले,
जिस तरह तेरे दिल से हम निकले
जिस तरह तेरे दिल से हम निकले
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ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक,
न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के।
न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के।
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उमर का क्या है
वो तो कट ही जाएँगी तेरे बिन ,
बस जो नहीं कटता वो वक़्त है मेरा।
वो तो कट ही जाएँगी तेरे बिन ,
बस जो नहीं कटता वो वक़्त है मेरा।
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इस दुनिया में अजनबी रहना ही ठीक है ,
लोग बहुत तकलीफ देते है यार,
लोग बहुत तकलीफ देते है यार,
अक्सर अपना बना कर
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सब सो गए अपना दर्द अपनों को सुना के,
कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती।
कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती।
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एक बार भी नहीं रोका उसने मुझे ,
शायद उसे मेरे चले जाने का इंतज़ार था।
शायद उसे मेरे चले जाने का इंतज़ार था।
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इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा
जो मिलता है उसका दामन भी भीगा लगता है.
जो मिलता है उसका दामन भी भीगा लगता है.
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मुझे यकीन है मोहब्बत
उसी को कहते है ,
कि ज़ख्म ताज़ा रहे और
निशा चले जाए।
उसी को कहते है ,
कि ज़ख्म ताज़ा रहे और
निशा चले जाए।
ब्रोकन शायरी
लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।
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उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी ,
जहाँ सारा शहर अपना था और तुम अजनबी
जहाँ सारा शहर अपना था और तुम अजनबी
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नीलाम कुछ इस कदर हुए
बाजार-ऐ-वफ़ा में हम आज ,
बोली लगाने वाले भी वो ही थे
जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे।
बाजार-ऐ-वफ़ा में हम आज ,
बोली लगाने वाले भी वो ही थे
जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे।
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एक बात सिखाई है… ताजुर्वे ने हमें,
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा है।
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा है।
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दो पल को ही सही पर मेरी तन्हाइयो में खो जाओ,
मैं तेरा और तुम मेरी दो पल के लिए हो जाओ
मैं तेरा और तुम मेरी दो पल के लिए हो जाओ
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उनसे कहना कि
किस्मत पे इतना नाज़ ना करे ,
हमने बारिश में भी
जलते हुए मकान देखे है।
किस्मत पे इतना नाज़ ना करे ,
हमने बारिश में भी
जलते हुए मकान देखे है।
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अब बस भी कर ज़ालिम,
कुछ तो रहम खा मुझ पर,
चली जा मेरी नज़र से दूर
चली जा मेरी नज़र से दूर
कहीं मैं शायर ना बन जाऊं।
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साथ मेरे बैठा था पर किसी
और के करीब था वो ,
अपना लगने वाला , किसी
अपना लगने वाला , किसी
और का नसीब था वो
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जिस्म से रूह तक जाए
तो हकीकत है इश्क़ ,
और रूह से रूह तक जाए
तो इबादत है इश्क़।
तो हकीकत है इश्क़ ,
और रूह से रूह तक जाए
तो इबादत है इश्क़।
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ख़ामोशी बेवजह नहीं है
कुछ दर्द सहा है किसी की लाज रखी है.
कुछ दर्द सहा है किसी की लाज रखी है.
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जरा सी गलतफहमी पर न छोड़ो
किसी अपने का दामन
क्योंकि जिंदगी बीत जाती है
क्योंकि जिंदगी बीत जाती है
किसी को अपना बनाने में।
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इश्क़ ना हुआ कोहरा हो जैसे ,
तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं।
तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं।
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आदत बदल सी गयी है वक़्त काटने की,
हिम्मत ही नहीं होती यार अपना दर्द बांटने की
हिम्मत ही नहीं होती यार अपना दर्द बांटने की
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नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
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दिल के ज़ख्मों को हवा लगती है,
साँस लेना भी यहाँ आसान नहीं है।
साँस लेना भी यहाँ आसान नहीं है।
दोस्तों हमें पूरा विश्वास है कि आज का ये आर्टिकल आप सभी को बहुत पसंद आया होगा और ये शायरियां आपने अपने दोस्तों के साथ भी शेयर की होंगी आपका साथ हमें इसी तरह मिलता रहे जिससे हमें आपके लिए नए-नए पोस्ट लाने की प्रेरणा मिलती है।